
ख़ुशी (Happiness) एक ऐसा मिठाई है जो सब लोग खाना चाहते है ,पर यह किसी मिठाई की दुकान पर नहीं मिलती है, न ही यह पैसे से खरीदी जा सकती है | इसे खुद से बनानी पड़ती है, लोगों का सहयोग भी लेना पड़ता है |
जी हाँ , मैंने कहीं पढ़ा था कि America के Hayward university में एक रिसर्च पब्लिश हुआ था जो वहाँ के टॉप ग्रेजुएट्स से सम्बंधित थे | उनके ज़िन्दगी को बारीकी से अवलोकन (Follow) किया गया, तो उसके नतीजे बहुत ही चौकाने वाले थे |
उन में से कुछ लोग तो अमेरिका के President भी बने , कुछ लोग Astronaut बने, कुछ scientist बने और कुछ लोग तो नोवेल प्राइज से भी सम्मानित हुए |
वही कुछ लोग क्राइम की दुनिया में चले गए और उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी और कुछ लोगों ने तो ख़ुदकुशी भी कर ली थीं | उन लोगों ने एक ही जगह से , एक ही माहौल में पढाई की और टॉप ग्रेजुएट बने, फिर भी सभी एक दुसरे से भिन्न हो गए |
इसका कारण ढूंढा गया तो पाया कि कुछ लोग अपनी ज़िन्दगी से बहुत खुश थे, तो कुछ लोग अपनी ज़िन्दगी से उदास एवं हताश हो गए थे, frustration का शिकार हो गए थे |

जब सभी लोगों के ज़िन्दगी के बारे में और अधिक अध्यन किया गया और पता लगाया गया कि खुश कौन लोग थे, और कौन लोग अपनी ज़िन्दगी से नाखुश थे, | तो ये चौकाने वाला तथ्य सामने आया कि ख़ुशी का कारण, धन दौलत नहीं, बड़ी पदों पर नौकरी, अच्छी जीवन शैली नहीं थे |
बल्कि उनका sense of belonging, उनकी good relationship बनाने की कला थी , वे रिश्ते निभाने की कला में माहिर थे और उन्होंने घर में हो या समाज में या कही और … सभी जगह अपने रिश्ते को मजबूत रखा, और कही भी distortion आया तो उसे अच्छी तरह handle किया और इन्ही strong relationship और harmony के कारण उन्हें ज़िन्दगी में ख़ुशी का अनुभव हुआ | और तभी ज़िन्दगी में एक मुकाम हासिल कर पाए |

वैसे, ख़ुशहाल ज़िन्दगी के लिए हम अपने आप को analyze करें तो पाते है कि हर इंसान के चार dimensions होते है और उसी पर टिका होता है हमारी ख़ुशी और दुःख | :
ये चार dimensions निम्नलिखित है ..
१. Physical Quotient (P.Q.) :
इसका मतलब है कि आप की स्वास्थ कैसी है | आप तभी ख़ुशी का अनुभव कर सकेंगे जब आप शारीरिक रूप से बिलकुल स्वस्थ है | और किसी ने ठीक ही कहा है कि सेहत ठीक रखने के लिए हमें चार नियमों का पालन करना चाहिए |
पहला नियम .. स्वस्थ भोजन और समय पर भोजन करना चाहिए |
दूसरा नियम …रोजाना सुबह की सैर और थोड़ी सी कसरत करनी चाहिए, ताकि शरीर तंदरुस्त रह सके |
तीसरा नियम … पूरी नींद होनी चाहिए ताकि शारीर पूरी तरह से रिलैक्स हो सके | अगर समय से सोना और जागना ठीक से हो रहा है तो आपकी सेहत बिलकुल ठीक रहेगी |
और चौथा नियम है LEISURE TIME .. जी हाँ , ज़िन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण पहलु है ,जिसे ज्यादातर लोगों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है /
विश्राम का समय (Leisure time) क्या है, इस पर पहले ही हमने article लिखा है ..कृपया पढ़े….. LEISURE TIME : Missing ? (blog no .25) https://infotainmentbyvijay.data.blog/2020/01/17/leisure-time-missing /
२. Intelligence Quotient (I.Q.): Learning is a continuous process.
हमेशा अपने को स्टूडेंट बनकर कुछ ना कुछ ज्ञान को बढ़ाते रहना चाहिए / अपने समय को जानकारी बढ़ाने में खर्च करना चाहिए | चाहे skill Development हो या attitudinal domain या cognitive domain हो |

३. Emotional quotient (E.Q.):
खुश रहने के लिए emotionally strong होना ज़रूरी है / अगर आप को गुस्सा छोटी छोटी बातों में आ जाता है तो आप का E.Q कमजोर है |
इसे मजबूत करने के उपाय करने होंगे | अगर EQ कमज़ोर होगा तो छोटी छोटी समस्याओं से हम घबड़ा कर अपने लक्ष्य से विचलित हो जाएंगे और ख़ुशी से भी वंचित रह जाते है | हमें अपने feelings के साथ साथ दूसरों के feelings का भी ख्याल रखना चाहिए |
४. Spiritual Quotient: (S. P.):
कोई भी काम सिर्फ पैसों के लिए ना करे, बल्कि लोगों का, समाज का भला हो और समाज का कल्याण हो | हम अंदर से शांति और आनंद का अनुभव करते है जब हम लोगों के कल्याण के लिए काम करते है, |
यह भी उतना ही ज़रूरी है जितना I.Q.,और E.Q. और P.Q. है | इसलिए इन चारो dimensions को संतुलित कर ही ज़िन्दगी में खुशिओं को प्राप्त कर सकते है | यही है ज़िन्दगी का मूल मंत्र |
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,
If you enjoyed this post don’t forget to like, follow, share and comments.
Please follow me on social media.. and visit my website to click the link below..
Categories: motivational
V nice dear
LikeLike
Bhut khub sir ji
LikeLiked by 1 person
thank you
LikeLike
V nice dear
LikeLike
Kiya bat h sir ji
LikeLike
Reblogged this on Retiredकलम.
LikeLike