# स्वस्थ जीवन का आधार #

किसी ने बड़े कमाल  की बात कही है.. कि हमलोग तो अपने भविष्य के लिए SIP (Systematic Investment Plan)  करते है, लेकिन उससे भी ज़रूरी है  HIP (Health Investment Plan) |

 बिलकुल सही ..THE MOST IMPORTANT INVESTMENT IS ..THE INVESTMENT OF TIME FOR our HEALTH.

रोज दिन सुबह में करीब एक घंटा अपने सेहत को दीजिए, यानि सुबह का एक घंटा सिर्फ अपने सेहत पर खर्च करे.. | अगर आप  ऐसा नहीं करते है तो iइसका मतलब है वो समय आप सोने में खर्च कर देते है | यह समय तो खर्च होगा ही बचेगा नहीं |

यह हम  पर निर्भर करता है कि हम अपने समय को कैसे खर्च करते है | यह भी एक तरह का Investment  ही है जिसका फायदा बुढापा आने पर मिलता है | …

HIP से शरीर  स्वस्थ  और मन खुश रहता है और बुढ़ापे में विभिन्न तरह के बिमारियों में खर्च होने वाले पैसे बच जाते है |  एक तरह का इन्वेस्टमेंट ही हुआ ना कि आप की बुढापा disease  free और आनंदायक होता है |  आप की बुढापा किसी के भरोसे नहीं कटती है |  इस बात पर गौड़ करना चाहिए |

हम पैसे और भौतिक सुख सुविधा को कमाने में इतने मशगुल रहते है कि अपने health पर ध्यान नहीं दे पाते है और यह कमाया हुआ सारा धन एक दिन बुढ़ापे में हमारे बिमारियों पर खर्च करने पड़ते है |

बस ज़रुरत इस बात की है कि SIP के साथ साथ HIP पर  भी ध्यान देना चाहिए | हालाँकि ज़िन्दगी का भरोसा कुछ भी नहीं है , फिर भी भविष्य के लिए तो  provision  करते ही है, ताकि हम जब तक जियें, बिल्कुत रोगमुक्त होकर जिएं |  

अगर हम बीमार होते है तो  हम ही परेशान नहीं होते बल्कि हमारा पूरा परिवार को आर्थिक और मानसिक दोनों परेशानियों से गुजरना पड़ता है | हम अपने परिवार वालों के दुःख का कारण क्यों बने ?  

होना तो यह चाहिए कि हमें देखकर हमारे बच्चे  गर्व से कहें कि हमारे दादा जी ..दादी जी बिलकुल स्वस्थ है | हम अपनों के  खुशियों का कारण बने,  ना कि हमारे कारण उनको दुखी होना पड़े |

और मौत भी ऐसी होनी चाहिए कि लोग कहे कि  यार, अभी तो बिलकुल स्वस्थ थे और अभी चल दिए ?  कमाल है , ..क्या आप भी ऐसी ज़िन्दगी नहीं जीना चाहते है ? इसी सन्दर्भ में एक कहानी याद आ गई ..

एक राज़ा  था उसकी एक ही संतान थी, वो राजकुमार शरीर से बहुत कमज़ोर था, वो शारीरिक और मानसिक रूप से भी कमजोर  था | अस्वस्थ होने के कारण वो  किसी से मिलना जुलना भी पसंद नहीं करता था ,उसके चेहरे पर जो राज कुमार जैसी  तेज होनी चाहिए थी वो भी नहीं थी |

 राजा बड़े से बड़े वैद्य और हकीम से इलाज़ करा कर थक गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ | राज़ा को बहुत आश्चर्य हुआ कि बढ़िया वैद्य, अच्छा ट्रेनर और डायटीशियन सभी कुछ लगा कर देखा, परन्तु परिणाम क्यों नहीं दिखा ?

 एक दिन उनके नगर में एक साधू बाबा आए | राज़ा ने उनका बहुत आदर सत्कार किया और अच्छी भोजन का इंतजाम  किया |

महात्मा, भोजन करने के बाद  राज़ा से कहा — तुम्हारे राज्य की जनता बहुत खुश है | ,तुम एक सफल शासक  हो | फिर भी कोई और तकलीफ हो तो बोल सकते हो |

राज़ा इतना सुनते ही महात्मा के पैरों में गिर पड़े और अपने राजकुमार के बारे में सारी बातें  बताई  | उन्होंने कहा — सारे हकीम वैद्य असफल हो गए ,राजकुमार को ठीक करने में |

तो महात्मा ने राज़ा के  कानो में कुछ कहा और वहाँ से चले गए | दुसरे दिन राज़ा राज्य के बड़े शिल्पकार को बुलाया और उसे निर्देश दिया कि उसे ऐसी मूर्ति बना कर दो जो भीम जैसा शक्तिशाली दिखे और अर्जुन के जैसा चेहरे पर तेज हो |

वो शिल्पकार चला गया और एक माह के बाद ठीक वैसी ही मूर्ति बना कर ले आया | मूर्ति वैसा ही था जैसा राज़ा चाहता था | वह बड़ा प्रसन्न हुआ और उस मूर्ति को राजकुमार के शयन कक्ष में स्थापित करा दिया |

अब राजकुमार जब भी सुबह नींद से उठता तो उस मूर्ति पर उसकी नज़र पड़ती ,और वह ख़ुशी महसूस करता | धीरे धीरे उसके  मन में भी वैसी शरीर बनाने की इच्छा जागृत हुई | .

वो मन ही मन सोच लिया कि एक दिन मैं भी ऐसी मजबूत शरीर बनाऊंगा | फिर क्या था, राजकुमार रोज़ सुबह उठकर व्यायाम करने लगा और अपनी खान पान  को भी उसी अनुसार शुरू कर दिया | उसके दिमाग में बस एक ही धुन रहती कि मुझे भी ऐसा ही शक्तिशाली बनना है |

और देखते देखते वो राजकुमार अपने को एक दिन  पतला दुबला कमजोर से मजबूत कद काठी  का बना लिया और चेहरे पर राजकुमार जैसी आभा थी.|

राज़ा यह देख कर बहुत प्रसन्न हुआ | कहते है ना जिस  चीज़ की सिद्दत से कामना करो तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में लग जाती है /| ठीक वैसे ही हमारे साथ हो सकता है | अगर बुढापा का जीवन सुखमय बनाना  है तो उसे रोगमुक्त रखना होगा और उसके लिए थोडा समय शरीर पर भी खर्च करना होगा |    यह आज का सबसे बड़ा सच है | …

.आइये आज ही एक संकल्प ले कि अपने शरीर की देख भाल पहले ,बाकी सब काम उसके बाद   |  सुख का एहसास तभी होगा  जब हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा. | आपकी क्या राय है ?

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,

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Categories: motivational

5 replies

  1. Thank you dear..I will try to make our blog a bit smaller..

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  2. Very nice

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  3. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    A new day means a new Life, new hope,
    Be positive ,,,Be happy…and enjoy your day…

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