
इतने बड़े जहाँ में हर आदमी कभी ना कभी ठगी का का शिकार हो ही जाता है.और कभी कभी तो दुबारा याद कर अपने आप पर ही हँसी आ जाती है/ जी हाँ, हरेक इंसान कभी ना कभी ठगी का शिकार होता ही है /
मैं भी बहुत बार ठगा गया हूँ, लेकिन उन में से कुछ ऐसी ठगी की घटना है जिसे आज भी याद कर मुस्कुरा देता हूँ / बात उन दिनों की है जब मैं इलाहाबाद में पोस्टेड था , हमारी शाखा मीर गंज चौक में हुआ करती थी ,हालाँकि सुना है वो शाखा बैंक मर्जर के बाद बंद हो गई है /
हमें आज भी याद है, समय करीब ११ बजे होंगे और मैं बैंक में ग्राहकों से घिरा हुआ था / सामान्यतः सोमवार के दिन बैंक में ज्यादा भीड़ होती थी / ठीक उसी समय साधारण सा दिखने वाला एक युवक हमारी सीट के पास आया और धीरे से कहा कि क्या आप को भी एक के नोट की गड्डी चाहिए / मैं इलाहबाद बैंक का स्टाफ हूँ, मुझे पता चला है कि आप को भी ज़रुरत है /

हालाँकि हमारी शाखा करेंसी चेस्ट शाखा थी, लेकिन उन दिनों नए नोटों की गड्डी समाप्त हो गई थी / और मुझे नए नोट की गड्डी की ज़रुरत थी / मैं तुरुन्त उस व्यक्ति से बिना उसके बारे में पूछे ५०० रूपये का नोट दे दिया इस उम्मीद से कि बैंक स्टाफ है, वापस एक एक के पाँच गड्डी लाकर दे देगा /
मैं तो कस्टमर के बीच कुछ इस तरह घिरा हुआ था कि उसके साथ जाना मुमकिन नहीं था / उस युवक ने पैसा लिया और तुरुन्त ही तेज़ी से शाखा के बाहर चला गया / मुझे तुरुन्त ही मन में विचार आया कि अगर वो वापस नहीं आया तो ? मैं ने तो उसे कभी पहले देखा भी नहीं था / मैं परेशान हो उठा और तुरुन्त मेरे मन में ख्याल आया कि मैं ठगा गया हूँ /

ऐसा विचार मन में आते ही , तुरुन्त काम छोड़ कर इलाहबाद बैंक की उस शाखा की ओर दौड़ पड़ा जो कुछ ही कदमो के फासले पर था / वहाँ जाकर हमने उसे कोने कोने तक में ढूंढ डाला, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला /
मैं तो उसके बारे में किसी से पूछ ताछ भी नहीं कर सकता था क्योकि मुझे पता था कि अब तो हमारा वो पैसा मिलेगा नहीं ,उलटे लोगों के हँसी के पात्र बन जाऊंगा / मैं चुपचाप भारी कदमो से अपने सीट पर वापस आ कर बैठ गया ./
मुझे अचानक उदास देख कर पास में बैठा एक स्टाफ गोपाल ने पूछ लिया..आप परेशान लग रहे है ? क्या बात हो गई ? तो मैं जबाब में बस मुस्कुरा दिया और बोला… कोई बात नहीं है /
अब मैं यह नहीं चाहता था कि यह बात किसी को पता चले .क्योंकि मुझे पता था कि पैसा तो वापस मिलने से रहा / मैं लोगो के बीच अपने आप को हसीं का पात्र नहीं बनाना चाहता था / मैं उसी समय तीसरी बार कसम खाया कि बिना अनजान व्यक्ति को परखे उस पर भरोसा नहीं करूँगा /.
मुझे जब भी यह घटना याद आती है , अपनी इस मुर्खता पर बस एक मुस्कराहट दौड़ जाती है, बस एक ही अफ़सोस होत्ता है, कि उस आदमी के साथ अपने किसी स्टाफ को क्यों नहीं भेज दिया था / मैं तो रोज यहाँ बैठ कर कस्टमर को ठगी से बचने की हिदायत दिया करता था लेकिन मुझे क्या पता था कि उसी में से कोई एक मुझे ही सबक सिखा कर चला जायेगा /…

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
If you enjoyed this post don’t forget to like, follow, share and comments.
Please follow me on social media..and click the link ..
Accha laga ….
LikeLiked by 1 person
thank you dear , many more to come,,stay connected..
LikeLike
Recently I have received a call from paytm that my ekyc is pending and started following the instructions.
Suddenly I realised that this may be fraudster and I disconnected the call then he bexame furious and started abusing me.
LikeLiked by 1 person
yes,..
now a days this is common and we should be couscous about that ..thanks for response on my blog..
LikeLike
Very.Nice
LikeLike
thank you
LikeLike