# नायाब तोहफा #

बेटी की शादी बड़ी धूम धाम से सम्पन्न हो गई |, आज उनकी बेटी की शादी का रिसेप्शन चल रहा था |  जब सारे मेहमान चले गए तो माँ ने बेटी को बुलाकर एक लिफाफा दिया, तो बेटी ने माँ से पूछा — .ये क्या है माँ ?

 माँ ने कहा — इसमे एक बैंक का पासबुक है और मैं ने तुमलोगों के नाम से १००० रूपये इस पासबुक (Passbook) में  जमा किए है | यह तुम्हारी Wedding Gift एक माँ के तरफ से है | यह पास बुक तुम्हारे रिश्ते के ख़ूबसूरत लम्हों को संजोय कर रखेगा |

बेटी ने बड़े  प्यार से उस पासबुक ( Passbook)  के पन्नो को खोला जिसमे १००० रूपये की एंट्री (entry) थी और  उसके सामने लिखा था — .. तुम्हारे शादी की  ख़ुशी में |  

फिर माँ ने कहा — हमारी सलाह है कि जब भी कोई ख़ुशी का लम्हा आएगा और तुम उसे celebrate करो तो इस passbook  में कुछ पैसे ज़रूर जमा करना और उसके आगे इसी तरह  उन लम्हों को अंकित कर देना | जितनी बड़ी ख़ुशी हो उतनी बड़ी रकम जमा करना |

बाद में जब इस Passbook को देखोगी, तो दुबारा उन लम्हों को जी पाओगी | सचमुच, बेटी को यह गिफ्ट बहुत प्यारा लगा | वो अपने घर जाने के बाद जब अपने पति से इस Passbook  का  जिक्र किया , तो पति भी बहुत खुश हुआ और कहा – यह तो Great idea  है.अपने सारे मीठे लम्हों को एक जगह संजोय कर रखने का |

अब दोनों को इंतज़ार रहता कि अगला डिपाजिट कब उस बैंक अकाउंट में कर पाएंगे | नए – नए मौके ढूंढने  लगे | जैसे आज पहली बार हमलोग restaurant में  dinner  पर गए और इस ख़ुशी के लम्हों को यादो में कैद करने हेतु अपने Passbook  में २०० रूपये जमा कर दिए |

आज पहली salary  आयी , आज उसका promotion हुआ, आज wife  का Birthday celebrate  की,  आज हमलोगों ने अपनी  marriage anniversary  celebrate  किया |

आज wife ने   खुशखबरी सुनाई  कि  एक नन्हा मेहमान आने वाला है | ,वे दोनों ,इसी तरह के छोटी – छोटी ढेर सारी लम्हों को celebrate करता रहा और उसके पास बुक account में  entry के आगे लिख कर उन लम्हों को कैद कर लिया करता | इस तरह  धीरे – धीरे पास बुक में बहुत सारी entries और amount दोनों बढ़ते गए |

कुछ दिन तो सब कुछ ठीक ठाक  चलता रहा ,लेकिन जैसे – जैसे दिन बीतते गए, साल बीतते गए, दोनों में कुछ – कुछ बात को लेकर दूरियां बढती गयी |

और छोटी छोटी बातो में झगडे  बढ़ने लगे | एक समय ऐसा भी आया कि  उनलोगों ने एक तरह से आपस में बात करना बंद ही कर दिया था ,क्योंकि  जितनी बातें होती  उतनी झगडे बढ़ते |

एक दुसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे | आपस में इतनी तनाव आ जाने के बाद एक दिन बेटी अपने माँ के घर आ गई और माँ से बोली.– . बस माँ, अब मैं और इस आदमी के साथ नहीं रह सकती |

अब यह  रिलेशन आगे नहीं बढ़ सकती | मुझे तो आज अपने आप पर यकीन ही  नहीं  हो रहा है कि  ऐसे आदमी को कैसे पसंद कर लिया था ? अब तो इसके साथ एक पल भी नहीं रह सकती /

बस हो गया,  अब मुझे Divorce चाहिए , और ये मेरी आखरी फैसला है |

बेटी की  बातों को सुनकर माँ ने कहा — अगर तुम्हे यही ठीक लग रहा है, तो मैं तुम्हारे decision को गलत नहीं बताउंगी |

पर वो passbook  तुम्हे याद है न ?,  जो मैं ने तुम्हारे शादी पर Wedding Gift दिया था | मैं चाहती हूँ कि  पहले उस पासबुक में जमा सारे रकम खर्च कर दो , क्योकि  अगर यह शादी इतनी बुरी थी तो  उससे जुड़ी कोई भी याद  तुम्हे अपने पास नहीं रखनी चाहिए |

बेटी को उसकी माँ का सुझाव सही लगा ,| वो Passbook लेकर बैंक चली गई और उसे अकाउंट बंद करने और सारे पैसे निकलने हेतु  काउंटर के लाइन में खड़ी  हो गई |

कतार में खड़े – खड़े वो उस पास बुक के पन्नो को पलटने लगी,  और उस Passbook के एक – एक एंट्री को देखने लगी | उसे हर वो लम्हा याद आती गई |

उसकी आँखे भर आयी उन सारे ख़ुशी के लम्हों को याद कर के ,जो उसी पति के साथ उसने बिताई थी, जिसे आज वो Divorce देने जा रही थी |

अब और ज्यादा देर वो वहाँ खड़ी  नहीं रह सकी और अचानक से उसके पैर  उठे और घर की  और चल  पड़ी | घर पहुँच कर वो पासबुक अपने पति को दी और कहा — मैं यह नहीं कर पाऊँगी | इसलिए तुम  यह Passbook  लो और बैंक जाकर यह अकाउंट क्लोज कर इसका सारा पैसा खर्च कर दो Divorce से पहले |

अगले दिन पति passbook  लेकर बैंक गया और उसी तरह वो भी काउंटर के कतार में खड़ा था और उसकी नज़र भी पास बुक के पन्नो पर पड़ी उसमे एक एक एंट्री को देखा और उस ख़ुशी  के लम्हों को उसने भी महसूस किया और उसकी भी आँखे भर आयी | वो भी बैंक  से  घर वापस आ गया |

घर आकर जब वो पास बुक अपनी पत्नी को दी ,तो पत्नी ने देखा कि  आज की  तारीख में ५००० रूपये और जमा किए गए है और उसके आगे लिखा था — आज उसे यह एहसास हो चूका है कि  वो उसे छोड़ने जा रहा था जिसे वो सब से ज्यादा प्यार करता है |

अब वो बाकी  की  ज़िन्दगी उसी के साथ बिताना चाहता हूँ | दोनों की  आँखे भर आयी और दोनों ने  एक दुसरे से  गले लगकर जी भर कर रोया | .

और उन्होंने यह तय किया कि अब इन छोटी छोटी बातो पर आपस में  तू – तू ,  मय – मय नहीं करेंगे और ना ही लड़ेंगे |  उन दोनों ने  माँ को मन ही मन धन्यवाद् दिया |

यह सही है कि  शादी कोई बच्चो का खेल नहीं होता, | हाँ ,कुछ  कठिन ज़रूर होती है, | लेकिन  आपसी सूझ – बुझ से ज़िन्दगी की  गाड़ी सही पटरी पर चली तो ,ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत हो जाती है |

शादी तो निभाने के लिए होती है | कभी कभी ग़लतफ़हमी हो जाती है क्योंकि  दोनों अलग अलग परिवेश से आते है,अलग अलग सोच होती है |

इसलिए ज़रुरत होता है कि  एक दुसरे को समझना और एक unique family बनाना — यही राज़ है happy marriage life का ///

प्रेम की तस्वीर पर पड़ी धूल हटाइए, तस्वीर  को नहीं /

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,

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Categories: motivational

5 replies

  1. Locks are never manufactured without a key,
    Similarly, God never gives problems without solutions.
    Only we need to have patience to unlock them..

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  2. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Locks are never manufactured without a key,
    Similarly, God never gives problems without solutions.
    Only we need to have patience to unlock them..

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