
ज़िन्दगी को खुल कर जीना है ,जब तक मौत गले ना लगे ले |,भूल जाओ अपने दुःख दर्द को जो लोगों ने दिए है,माफ़ कर दो उन्हें |
कहाँ जाना है इस ईगो और घमंड को लेकर …जीवन में वक़्त बहुत कम है.| पिघलते हुए आइसक्रीम का मजा लो, जब तक हाथ में है ,वर्ना दोबारा मौका नहीं देती है ज़िन्दगी |
लम्हा लम्हा ज़िन्दगी
लम्हा लम्हा… सरकती जाए ज़िन्दगी
कभीं ख्वाहिसों की हदे पार करती ज़िन्दगी
तो कभी तन्हाइयों में.. विचरती ज़िन्दगी
लम्हा लम्हा…. सरकती जाए ज़िन्दगी
कभी दुःख और मुसबित का एहसास है ज़िन्दगी
तो कभी …सितारों भरी रात है ज़िन्दगी
लम्हा लम्हा …सरकती जाए ज़िन्दगी
नज़रें बदलो ..अपने पंख फैलाव
झूम के नाचो बिंदास ..कि ख़ास है ज़िन्दगी
लम्हा लम्हा… सरकती जाए ज़िन्दगी
बला की ख़ूबसूरत है ..बे रोक टोक जश्न करो
हर उम्र की बनो …हर उम्र से इश्क करो
हार जीत की ना सोच …बे रोक टोक खेलो
नया हुनर सीखो …, नई रचना लिखो..
तुम इतिहास रचो …कि बड़ी बेबाक है जिंदगी
सच ….लम्हा लम्हा… सरकती जाए ज़िन्दगी ….
…..विजय वर्मा

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Categories: kavita
Very nice
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thanks
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