मेरी कुछ यादें

ज़िन्दगी में बहुत सारी घटनाएँ होती है, लेकिन कुछ ऐसी भी होती है जो हमारे मानस पटल पर अंकित हो जाती है | जिसे चाह कर भी भूल नहीं पाते है और उसे बार बार याद कर कभी दुखी तो कभी खुश होते रहते है |

अगर उन यादों को दिल और दिमाग से निकाल कर कही कागज़ के पन्नो में कैद कर दिया जाए तो शायद मन का बोझ कुछ कम किया जा सकता है | वैसे ही कुछ यादों को समेटने की एक कोशिश ….

मेरी कुछ यादें

कुछ यादें अंधेरे में भी चमकते है , 

रोशनी भी देते है कभी कभी

कुछ तो रास्ता भी दिखाती है 

कुछ के बारे मे क्या कहूँ…

कड़ी धूप में भी छाँव का  आभास देती है

कभी कभी एकांत में उदासी से भर जाती है…

और मन को व्याकुल कर देती है

कभी नींद  से जगा देती है और  

कभी सोने ही कहाँ देती है 

सच.. ये यादें भी अजीब होती है|

जब यह सर पे चढ़ कर बोलती है

तो बस.. बोलती बंद कर देती है,

पर यही यादें अगर अपने साथ ना हो

तो ज़िन्दगी बड़ी अधूरी  सी लगती है…

यादें ही है.. जो जीवन रूपी गाड़ी को 

समय की धुरी में दिन रात खिचती है

हाँ,, मेरी यादें ऐसी ही है, मेरी यादें ।

…………………विजय वर्मा

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,

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Categories: kavita

1 reply

  1. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    लोग कहते है ज़िन्दगी में अकेले,
    आप कभी खुश नहीं रह सकते, पर
    मुझे लगता है , ज़िन्दगी में अकेलापन ही
    हमें ज़िन्दगी जीने का सही मतलब सिखाता है …

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